ये वह शक्ति है जिसकी कोख में जीवन पनपता है
वो ताकत है
जो सितारों भरी क़ायनात को जन्म देती है,
जीवन को जगमगाहट और नज्जारों को इल्म देती है,
धरा पे उगते फूलों, पौधों और पेड़ों को सींच देती है
कहीं शबरी, कहीं मीरा, तो कहीं रानी झाँसी का रूप लेती है
ये औरत है जो रण में जाते वीरों को विजय तिलक देती है
ये औरतहै, निर्भय है,
निर्भयता को जन्म देती है।
-©मीना चोपड़ा
मीना द्वारा निमित पेस्टल चित्र |
जो सितारों भरी क़ायनात को जन्म देती है,
जीवन को जगमगाहट और नज्जारों को इल्म देती है,
धरा पे उगते फूलों, पौधों और पेड़ों को सींच देती है
कहीं शबरी, कहीं मीरा, तो कहीं रानी झाँसी का रूप लेती है
ये औरत है जो रण में जाते वीरों को विजय तिलक देती है
ये औरतहै, निर्भय है,
निर्भयता को जन्म देती है।
-©मीना चोपड़ा
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