जीवन की प्रत्यक्ष,अप्रत्यक्ष,निजी-
— @काव्य_रस (@Kavya_Ras) May 29, 2021
प्रासंगिक अनुभूतियों को चित्रों में
जब ढाल दिया जाय कि वह कविता
लगने लगे,शब्द जब काव्य के रूप में
ढलें तो चित्रवीथियों सदृश हो जायें-
ऐसे मणिकांचन संयोग से रूबरू कराती@meenachopra जी की इन कृतियों
से होकर गुजरना सुखद कलात्मक,
साहित्यिक अनुभव है https://t.co/ROZlCbth27
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